हर्निया आपरेशन के दौरान बच्चे की मौत, तीन डॉक्टरों पर मामला दर्ज…

दिलीप कुमार वैष्णव@ आपकी आवाज
कोरबा छत्तीसगढ़- हर्निया के आपरेशन के दौरान बाल्को के एक निजी अस्पताल में पांच साल के एक बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने चिकित्सकों की लापरवाही से मौत होने का आरोप लगाते हुए नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है बच्चे की हालत गंभीर होने पर गहन उपचार का हवाला देकर कोसाबाड़ी स्थित एक अस्पताल ले आए। इसकी जानकारी भी उन्हें नहीं दी गई। यहां बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया।

बेलगढ़ी बस्ती लालघाट वार्ड क्रमांक 34 निवासी निवासी मनोज केंवट 33 वर्ष ने अपने पुत्र दिव्यांश पांच वर्ष को हार्निया की शिकायत पर इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय में छह जनवरी को उपचार कराने ले गए थे। यहां डाक्टर प्रभात पाणिग्रही ने सोनोग्राफी कराया। आठ जनवरी को रिपोर्ट देखने के बाद हर्निया होने की जानकारी देते हुए आपरेशन करने की आवश्यकता बताई। उन्होने खुद को इसका एक्सपर्ट बताया। साथ ही बाल्को के आयुष्मान क्लीनिक में आपरेशन करने की बात कहते हुए वहां भेज दिया। आपरेशन से पहले पिता मनोज व मां रत्ना केंवट ने बच्चे की जान को खतरा आशंका व्यक्त की, तो डाक्टर ने छोटा सा आपरेशन होने का हवाला देते हुए निश्चिंत रहने के लिए कहा। उन्होंने निजी अस्पताल भेजने की वजह जिला अस्पताल में सुविधा नहीं होने की बात कही। नौ जनवरी को दोपहर 12.30 बजे भर्ती किए और शाम 5ः30 बजे आपरेशन थियेटर ले गए, जहां पाणिग्रही के अलावा डाक्टर ज्योति श्रीवास्तव व डाक्टर प्रतीकधर शर्मा मौजूद रहे। आपरेशन थियेटर से बाहर से आकर डाक्टर पाणिग्रही ने परिजनों को आश्वासन दिया कि 15 मिनट में बच्चे को वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा। यह कह कर वे फिर वापस आपरेशन थियेटर में चले गए। 1ः50 घंटे का समय हो गया, इसके बाद भी बच्चे को बाहर नहीं लाया गया, परिजन बच्चे की जानकारी लेते, तो स्वस्थ्य होने की बात कही जाती रही। इसके करीब आधे घंटे पश्चात डाक्टर पाणिग्रही आपरेशन थियटेर से बाहर निकले और कहने लगे कि बच्चे की सांस रूक गई है। हम अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं। इस बीच आनन फानन में परिजनों से बिना सलाह लिए बच्चे को कोसाबाड़ी स्थित एक निजी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में ले गए। यहां से अचानक डा. पाणिग्रही लापता हो गए। थोडी देर बाद आईसीयू से डाक्टर बाहर आए और बच्चे की मौत हो जाने की जानकारी दी। डाक्टरों ने कहा कि उसे काफी खराब कंडीशन में यहां लाया गया था। रामपुर पुलिस चौकी में मनोज केंवट ने शिकायत करते हुए अपने बच्चे की मौत के लिए डा पाणिग्रही के अलावा डा प्रतीकधर शर्मा व डा ज्योति श्रीवास्तव को भी जिम्मेवार ठहराया है। परिजनों का आरोप है कि आयुष्मान क्लीनिक में आपरेशन व वेंटीलेटर की सुविधा नहीं होने के बावजूद पैसों की लालच में आपरेशन किया गया। साथ ही निश्चेतना विशेषज्ञ भी मौजूद नहीं था, जिसकी वजह से बच्चे की मौत हो गई। रामपुर पुलिस ने मर्ग कायम कर केस डायरी बाल्को थाना प्रेषित कर दी। बाल्को पुलिस ने तीनों डाक्टर के खिलाफ धारा 304 ए, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।

जिला अस्पताल प्रबंधन भी कटघरे में

जिला चिकित्सालय में आमलोगों को बेहतर सुविधा दिलाने तीन चिकित्सकों की नियुक्ति कर उन्हें खनिज न्यास मद से लाखों रुपये वेतन दिया जा रहा। आपरेशन कक्ष को आधुनिक बनाने इन दिनों कार्य चल रहा, बावजूद इसके वहां आपरेशन हो सकता है। अब सवाल यह उठता है कि डा पाणिग्रही ने आपरेशन जिला अस्पताल में करने की जगह मरीज को निजी अस्पताल में क्यों भेजा, इसके क्या केवल पाणिग्रही जिम्मेवार है या फिर अस्पताल प्रबंधन भी। इस घटना से जिला अस्पताल में चल रहे भर्राशाही की पोल खुल गई है।

मौत का डर दिखा वसूल रहे पैसे

गरीबों के साथ जिला अस्पताल में किस तरह मौत का डर दिखा कर डाक्टर पैसे कमा रहे हैं। यह घटना उसकी एक बानगी है। डा पाणिग्रही ने दिव्यांश का सोनोग्राफी रिपोर्ट देखने के बाद यह कह कर डराया कि कम उम्र में बच्चे का हर्निया का आपरेशन करा लें, नहीं तो आगे खतरा बढ़ जाएगा। आपरेशन में बीस हजार खर्च आने की बात निजी अस्पताल में भेज दिया। गंभीर बात तो यह है कि आपरेशन कराने के लिए आयुष्मान अस्पताल से एक दिन में तीन बार फोन किया गया। मनोज रोजी मजदूरी कर किसी तरह परिवार चलाता है। बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर वह कोई समझौता नहीं करना चाहता था, इसलिए निजी अस्पताल में खर्च करने की हैसियत नहीं होने के बावजूद वह वहां गया। अंततः बच्चा चिकित्सकों की लापरवाही की भेंट चढ़ गया।

परिजनों का कहना है कि डा प्रभात पाणिग्रही अपने आपको बार- बार हर्निया का विशेषज्ञ बता रहा था, पर कोसाबाड़ी अस्पताल में पता चला कि डाक्टर प्रभात इस बीमारी के विशेषज्ञ नही है। झूठ बोल कर बच्चे का न केवल उपचार किया गया, बल्कि आपरेशन करने से उसकी मृत्यु हो गई। तहसीलदार की उपस्थिति में एफएसएल व बाल्को पुलिस ने पंचनामा की कार्रवाई की है। साथ ही तीन चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का संयुक्त रूप से पोस्टमार्टम किया है। इस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई गई है।

बच्चे के परिजनों की शिकायत पर तीन चिकित्सकों पर मामला दर्ज किया गया है। घटना की जांच की जाएगी। निश्चेतना विशेषज्ञ की उपस्थिति के बिना ही आपरेशन किए जाने की वजह से बच्चे की मौत होने का आरोप लगाया गया है।

राकेश मिश्रा, टीआई, बाल्को थाना

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